पर्यावरण संरक्षण हेतु नवोन्मेषी तकनीकों को अपनाना आवश्यक : डॉ० रश्मि सिंह

संवाददाता सुनील कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट

पर्यावरण संरक्षण हेतु नवोन्मेषी तकनीकों को अपनाना आवश्यक : डॉ० रश्मि सिंह

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्राम सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार मीरजापुर में 5 जून 2024 को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर वनस्पति विज्ञान विभाग एवं इंस्टिट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की मुख्य वक्ता डॉ० रश्मि सिंह, इनोवेशन अम्बेसडर , काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर, भदोही ने ” मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए नवोन्मेषी स्टार्टअप” विषय पर चर्चा करते हुए मरुस्थलीकरण रोकने के विभिन्न उपायों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा को कम करने के विभिन्न तकनीकी उपायों एवं कम पानी वाले स्थानों पर पौधरोपण बढ़ाने के तरीकों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० पी० एन० डोंगरे ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक की है, विशेषकर युवाओं को पौधरोपण एवं उनके संरक्षण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ० शिखा तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर- वनस्पति विज्ञान तथा धन्यवाद ज्ञापन इंस्टिट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के अध्यक्ष डॉ० सूबेदार यादव ने किया। इस अवसर पर आई.क्यू.ए.सी. प्रभारी प्रोफेसर माधवी शुक्ला, डॉ० कुसुम लता, डॉ० राजेश कुमार, डॉ० दीप नारायण, डॉ० अरविन्द कुमार, डॉ० नलिनी सिंह, डॉ० गुरु प्रसाद सिंह, श्री धर्मचंद्र के साथ ही अच्छी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस अवसर पर सांकेतिक पौधरोपण भी किया गया।

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