


राजकीय महाविद्यालय में योग प्रशिक्षण कार्यशाला एवं गीता जयन्ती का आयोजन
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, चुनार, मीरजापुर में “रोग प्रतिरोध क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य में योग की भूमिका” विषय पर मिशन शक्ति फेज 5.0, रोवर्स–रेंजर, रेड रिबन क्लब, भातखंडे कल्चरल कल्ब एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आज दिनांक 1 दिसंबर 2025 को एक दिवसीय संगोष्ठी एवं कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र–छात्राओं में योग के महत्व, स्वास्थ्य लाभ तथा जीवनशैली में इसके सकारात्मक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं योग प्रशिक्षक डॉ० अभिषेक गुप्ता, जूनियर रिसर्च ऑफिसर आयुर्वेद संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है, बल्कि मानसिक संतुलन एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० (डॉ०) माधवी शुक्ला ने अपने संबोधन में योग को भारतीय ज्ञान–परंपरा का अमूल्य उपहार बताते हुए कहा कि स्वस्थ और सशक्त समाज के निर्माण में योग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्राचार्य महोदया ने ऐसे आयोजनों को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक बताया। कार्यशाला में योग प्रशिक्षक डॉ० अभिषेक गुप्ता द्वारा विभिन्न योग–क्रियाओं, अनुलोम–विलोम, कपालभाति, धनुरासन, ताड़ासन, श्वास–प्रश्वास तकनीकों तथा मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन से जुड़ी गतिविधियों का अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ० शिखा तिवारी, स्वागत डॉ० शेफालिका राय, धन्यवाद ज्ञापन डॉ० विद्या सिंह ने किया। कार्यशाला में 52 छात्राएं एवं 28 छात्र ने प्रतिभाग किया। साथ ही श्रीमद्भगवद्गीता जयंती के अवसर पर एक छात्र-संगोष्ठी और गीता श्लोक गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ माधवी शुक्ला ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन करके किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गीता एक ग्रंथ नहीं बल्कि एक जीवन दर्शन है जो युगों-युगों से समस्त विश्व को प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा कि गीता का अध्ययन हर व्यक्ति को करना चाहिए क्योंकि यह जीवन में संशयों का समाधान करता है। कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डॉ दीप नारायण ने कहा कि गीता मानव जीवन के हर स्तर पर संतुलन, कर्तव्यनिष्ठा, नैतिकता और उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ कुसुम लता ने कहा कि विद्यार्थियों को गीता का सिद्धांत आत्मसात करना चाहिए। फल की इच्छा कर्म के प्रति निष्ठा में बाधक बनती है। श्लोक गायन प्रतियोगिता में संस्कृत विभाग के स्नातक और परास्नातक स्तर के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक प्रतिभाग किया। स्नातक स्तर पर काजल यादव ने प्रथम, नीतू मौर्या ने द्वितीय तथा सुप्रिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। स्नातकोत्तर स्तर पर श्लोक गायन प्रतियोगिता में सुमन यादव ने प्रथम, संध्या ने द्वितीय और प्रीति यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ भास्कर प्रसाद द्विवेदी और डॉ नलिनी सिंह रहे। कार्यक्रम का आयोजन देववाणी क्लब और संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का संचालन, संयोजन और धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग प्रभारी डॉ भास्कर प्रसाद द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर डॉ अवधेश सिंह यादव, श्री अरविंद कुमार, डॉ सत्येन्द्र कुमार, श्री दीपक कुमार सिंह, डॉ संकठा सोनकर, डॉ शिखा तिवारी, डॉ शैलेन्द्र कुमार, डॉ अदिती सिंह, डॉ विद्या सिंह, डॉ मंजुला शुक्ला और डॉ रमेश चंद्र, श्री धर्म चन्द्र, श्री कमलेश शुक्ला, श्री रामकेश सोनकर, श्री जय प्रकाश सहित समस्त प्राध्यापक, कर्मचारीगण, एवं छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। इसी क्रम में एम. ए. हिन्दी विभाग की परिषदीय निबंध प्रतियोगिता ‘साहित्य और समाज’ स्नातकोत्तर स्तर की आयोजित की गई। जिसकी संयोजिका डॉ नलिनी सिंह थीं।