


बीएनएस एवं साइबर क्राइम के बारे में हुई विस्तार से चर्चा
चुनार कोतवाली परिसर में भारतीय दंड संहिता, भारतीय सुरक्षा संहिता की धाराओं के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए कोतवाल विजय शंकर सिंह पटेल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई। यंग बार एशोसिएशन के अध्यक्ष अनमोल सिंह एड०, महामंत्री अजय कुमार पाण्डेय एड० व वरिष्ठ अधिवक्ता शीतला प्रसाद यादव एड० ने बीएनएस के बारे में लोगों को बताया। कोतवाल ने बताया कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो पहले भी कानून लागू था। भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) और दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम अंग्रेजों द्वारा लोगों को दण्ड देने के लिए बनाया गया था, वर्तमान समय में लागू तीनों कानून की मूल आत्मा दण्ड केन्द्रित न होकर न्याय केन्द्रित है इसलिए भारतीय दण्ड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता व भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता किया गया है। भारतीय न्याय संहिता की रचना भारत की न्यायिक व्यवस्था को आधुनिक, सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए एक व्यापक आपराधिक कानून सुधार के रुप में की गई है तथा मानवाधिकार केन्द्रित करना, त्वरित न्याय दिलाना एवं साइबर अपराध वित्तीय धोखाधड़ी व डिजिटल उत्पीड़न जैसे अपराधों से निपटना है। इस दौरान निरीक्षक अपराध सत्येंद्र यादव, कजराहट चौकी इंचार्ज आशुतोष शुक्ला अधिवक्तागण, पुलिस कर्मी एवं अन्य मौजूद रहे।