Friday, December 5, 2025
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HomeUncategorizedबौद्ध काल के प्राचीन इमारत खंडहर के रूप में अपनी भव्यता का...

बौद्ध काल के प्राचीन इमारत खंडहर के रूप में अपनी भव्यता का प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं – भंन्ते विनय दत्त

संवाददाता सुनील कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट

बौद्ध काल के प्राचीन इमारत खंडहर के रूप में अपनी भव्यता का प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं – भंन्ते विनय दत्त

विश्व बंधुत्व की भावना को ध्यान में रखते हुए भारतरत्न बोधिसत्व बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा स्थापित दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के निर्देश में दिनांक 31 मई से दिनांक 06 जून 2024 तक धम्म यात्रा का भारत से श्रीलंका के लिए आयोजीत किया गया। इसमे जगदीश गवई के नेतृत्व में लगभग पचपन लोगों ने भाग लिया। इसमें रविन्द्र गवई, भंते विनय दत्त राष्ट्रीय सचिव भिक्खु संघ दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया विहाराधिपति प्रज्ञा बुद्ध विहार करहट चुनार मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश, राम दुलार बौद्ध केंद्रीय शिक्षक, ऑडिटर भारतीय बौद्ध महा सभा आदि उपासक उपसिकाओं ने भाग लिया। भंते बिनय दत्त ने अपने यात्रा अनुभव को बताते हुए जानकारी दी कि सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म के प्रचार के लिए अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को बोधि वृक्ष क्ष की शाखा लेकर श्री लंका भेजे थे वहां आज भी हजारों साल पुराना बोधि वृक्ष अनुराधापुर में विश्व का बहुमूल्य धरोहर बिराजमान है उसके निकट संघमित्रा का स्तूप लंका वासियों एवं विश्व के बौद्धों के लिए उपासना/पूजा का पवित्र स्थल है।प्राचीन शहर हबराना जो पलोनारोह नामक स्थान है बौद्ध काल के प्राचीन इमारत खंडहर के रूप में अपनी भव्यता का प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं। सिगरिक हिल पर सैंकड़ो फ़ीट की उचाई पर स्थित है जहां राजा का सिंगरिया किला तथा सुरक्षा के लिए पुरानी व्यवस्था खंडहर के रूप में हैं।तथागत गौतम बुद्ध की अनेकों मूर्तियां दाम्बुला गुफा पहाड़ में बड़ी-बड़ी गुफा में अदभुत नजारा बुद्ध काल मे पहुचाते है।श्रीलंका के प्रसिद्ध बाजार कैण्डी में बिभिन प्रकार के रत्न तराशने वाले कारखाना देखने के साथ -साथ वहां के जिवंत सांस्कृतिक कायक्रम को देखे।वैभव से परिपुर्ण तथागत गौतमबुद्ध का दांत मन्दिर कैण्डी में मानो तथागत स्वयं आर्शीवाद प्रदान कर रहे हैं।मशाले हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं वहाँ के मशाले का गार्डन देखने से ज्ञात हुआ।चाय के प्रकार कैसे पियें चाय के फायदे वहाँ के चाय बागान और चाय फैक्ट्री देखने पर जानकारी मिली।कालू गंगा नदी के किनारे स्थित भव्य कालू बुद्ध विहार में चारो तरफ स्थित बुद्ध प्रतिमा के समक्ष हजारों उपासक एकसाथ बैठकर विपश्यना कर सकते है। यहां प्राचीन बोधि वृक्ष क्ष भी लगा हुआ है ।श्रीलंका के कोलंबो शहर में स्थित गंगारम्या बुद्ध मंदिर में तथागत का केश स्वर्ण पात्र में दर्शन के लिए रखा गया है।यह मंदिर धन धान्य से सम्पन है यहाँ विश्व भर से तथागत बुध्द की मिली हुई मूर्तियां अनेकों बहुमूल्य उपहार रखे हुए है।तथागत बुद्ध की अनुकम्पा से श्रीलंका प्रकृतिक सम्पदा नदी ,पहाड़ ,झरनों, बनस्पतियों से सम्पन है जिसका लाभ वहाँ निवास करने वाले मनुस्यों एवं सभी प्राणियों को प्राप्त हो रहा है।

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