संवाददाता सुनील कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट
तानाशाही से निजात पाने को मिर्जापुर की जनता ने कसा कमर।
जातिवाद तोडने को जनता संकल्पित।
ऐसा सांसद हमें नहीं चाहिए जो विकास कार्य केवल कागजों पर ही करें हकीकत में नहीं ऐसे सांसद को ढोने से जनता को कोई लाभ नही ।
मीरजापुर।लोकसभा चुनाव अपने आखिरी दौर में है और इसमे जो प्रत्याशी आखिरी चरणों के चुनाव मैदान में हैं,उनकी धड़कने तेज होती जा रही है। जिस लोकसभा क्षेत्र से जो वर्तमान सांसद हैं उनके कार्यों को लेकर जनता में चर्चाएं शुरू हो गयी है और मंत्रणा की जा रही है। मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र की जनता भी कुछ इसी मुड में है। पिछले 10 सालों में जो तानाशाही देखने को मिली है उससे निजात पाने के उद्देश्य से अपने कार्य को गति दे रहे हैं। पिछले 5 सालों में अपना दल एस के जितने भी कार्यकर्ता व पदाधिकारी है वो खुद को सांसद मंत्री समझ रहे है जिससे जिले की जनता काफी परेशान दिखती नजर आ रही है। सांसद अनुप्रिया पटेल के नाम का उपयोग करके पार्टी के कार्यकर्ता अपनी मनमानी करने पर उतारू होते जा रहे हैं जिसमें किसी से हाथा पाई इत्यादि संगीन घटना देखने को मिलती रहती है। जिले की जनता अपना मुड बना चुकी है कि इस बार ये तानाशाही नहीं चलने देंगे। पिछले 10 सालों में कोई विकास नजर नहीं आ रहा है और ना ही सांसद निधि का उपयोग पटेल जाति को छोड़कर किसी को हुआ है। जिले के ब्राह्मण लोग भी अनुप्रिया पटेल से काफी ख़फ़ा नजर आ रहे हैं, इन्होंने भी मन बना लिया है कि अब कोई नया सांसद ही जिले को चाहिए जिससे ये तानाशाही खत्म हो सके।
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