


भगवान श्री कृष्ण लीला पुरुषोत्तम है – डॉक्टर पुंडरीक शास्त्री महाराज
26 मार्च को होगा कथा का विराम 27 मार्च को है विशाल भंडारा
मिर्ज़ापुर।
नरायनपुर क्षेत्र के छोटा मिर्ज़ापुर गीतांजलि हॉस्पिटल के प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में व्यास पीठ से आचार्य डॉक्टर पुंडरीक शास्त्री महाराज ने बताया किश्रीकृष्ण ने अपने बचपन में कंस के सात महादैत्यों का वध किया था । उन सभी महादैत्यों को राक्षसराज कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के लिए भेजा था। पूतना ने एक सुंदर महिला का रूप धारण किया और श्रीकृष्ण को विष से भरी हुई दूध पिलाने की कोशिश की लेकिन श्रीकृष्ण ने उसे मार दिया। त्रिणावर्त एक पवन राक्षस था, जिसने तूफान उत्पन्न करके श्रीकृष्ण को उड़ाने की कोशिश की लेकिन श्रीकृष्ण ने उसे काबू करके मारा। वाताप राक्षस जो बैल के रूप में आया था और उसने श्रीकृष्ण के साथ लड़ा श्रीकृष्ण ने उसे भी मारा।बकासुर एक बगुला के रूप में आया था और उसने श्रीकृष्ण के ग्वाल-बालों को मारने की कोशिश की लेकिन श्रीकृष्ण ने उसे गला दबा कर मारा। अगासुर एक विशाल अजगर के रूप में आया था वह ग्वाल-बालों को निगलने की योजना बना रहा था. लेकिन, श्रीकृष्ण ने उसकी मुंह में प्रवेश किया और उसे मार डाला आदि तमाम लिला का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान लीला पुरुषोत्तम हैं। आयोजक डॉक्टर जैदीप सिंह ने बताया कि 26 मार्च को श्री भागवत कथा का विराम होगा तथा 27 मार्च को दोपहर से लेकर सभी जनमानस के आगमन तक महाप्रसाद विशाल भंडारा का आयोजन है जिसमें सभी क्षेत्र के जनमानस उपस्थित होकर महाप्रसाद का लाभ लेकर पूर्ण के भागी बने एवं हमें कृतार्थ करें। उक्त अवसर पर दंडी स्वामी श्रीमन नारायण, डॉक्टर गीता सिंह, डॉक्टर जैदीप सिंह, डॉक्टर मनदीप सिंह, डॉक्टर ओंकारेश्वर उपाध्याय, पंडित कैलाश ,पंडित सुनील तिवारी, पंडित अभय तिवारी, चंदन तिवारी, राजीव यादव आनंद कुमार गुड्डू गुप्ता, सहित तमाम गणमान्य नागरिक, भागवत प्रेमी हजारों की संख्या में उपस्थित रहे।