**चुनावी नौटंकी की चुटकुले… दर-दर भटक रहे हैं वोट के खातिर नेता और नेताईन **

संवाददाता एस के कुशवाहा की रिपोर्ट

** चुनावी नौटंकी की चुटकुले… दर-दर भटक रहे हैं वोट के खातिर नेता और नेताईन **

मिर्जापुर: लोकसभा चुनाव का दौर और नेताजी की दर-दर भटकने की कहानी। नेता, नेताईन और उनके चमचे हर गली, हर मोहल्ले में जाकर वोट की भीख मांग रहे हैं। उनकी कोरी आश्वासन और जुमलेबाजी को देखकर जनता मुश्कान में फंस रही है। “अब फंस गए हैं नेताजी वोट की खातिर!” ऐसा ही कुछ जनता की हंसी और व्यंग्य के बीच कहा जा रहा है।

जनता अब इतनी जागरूक हो चुकी है कि छलावे में आने का सवाल ही नहीं उठता। अपने विवेक से निर्णय लेने को तत्पर है। नेताजी और नेताईन की हरकतों को देखकर ग्रामीण महिलाएं कह रही हैं, “अब आया है ऊंट पहाड़ के नीचे!”

नेताजी की नौटंकी:
नेताजी और उनके समर्थक हर घर, हर द्वार पर जाकर जनता से वोट मांग रहे हैं। नेताईन गलियों में घूम-घूम कर हाथ जोड़ रही हैं, लेकिन जनता अब इनको अच्छे से पहचान चुकी है। झूठे भाषण और कोरे आश्वासन से जनता तंग आ चुकी है और अबकी बार आर-पार की लड़ाई का मन बना चुकी है।

जनता की मुश्की:
जब नेताजी वोट की खातिर गांव-गांव, गली-गली चक्कर काट रहे हैं, जनता अपनी समस्याओं को लेकर मजे ले रही है। “अब नेताजी वोट पाने के बाद लखनऊ, दिल्ली और गोवा की सैर करेंगे, जनता अपनी योजनाओं के लिए भटकती रहेगी।” जनता की यह हंसी और व्यंग्यात्मक टिप्पणियां नेताजी की पोल खोल रही हैं।

जनता की जंग:
जनता अब नेताजी और नेताईन के झूठे वादों को सुनकर मुस्की काट रही है और कह रही है, “अब हमें मौका मिला है, अब हम सबक सिखाएंगे।” गांव की महिलाएं, बुजुर्ग, विधवा महिलाएं अपने छोटे-छोटे कार्य और पेंशन इत्यादि के लिए नेताजी के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं।

मुख्यमंत्री पोर्टल का झुनझुना:
जनता का आक्रोश इस बात से भी है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज शिकायतें करोड़ों में हैं, लेकिन निस्तारण का नामोनिशान नहीं। महिलाओं की शिकायतों का भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। ऐसे में जनता ने ठान लिया है कि इस बार नेताजी और नेताईन को सबक सिखाकर ही दम लेंगे।

चुनावी परिणाम की प्रतीक्षा:
आखिर ऊंट किस करवट बैठेगा, यह 1 जून की अंतिम वोटिंग के बाद 4 जून को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चलेगा। तब तक जनता नेताजी और नेताईन की नौटंकी का मजा लेते हुए कह रही है, “अबकी बार हम सबक सिखाएंगे!”

यह चुनावी नौटंकी और जनता की प्रतिक्रिया चुनावी माहौल को एक नया रंग दे रही है। नेताजी और नेताईन की हरकतों पर जनता की मुस्की और व्यंग्यात्मक टिप्पणियां बताती हैं कि इस बार की लड़ाई आर-पार की है।

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