


आज देहरादून उत्तराखंड के मूर्धन्य गजलकार श्रद्धेय योगेश्वर कुमार गौड़ ” योगेश ” द्वारा सस्नेह कूरियर से प्रेषित उनकी तीन कालजयी कृतियां प्राप्त हुईं। इनमे नवांकुरों को लिए गजल लेखन का तरीका,सलीका, बारीकियों से अवगत कराने वाली महत्वपूर्ण कृति ग़ज़ल कैसे लिखें शामिल है।उनके नवीनतम गजल संग्रह लबों के मयकदे से के विमोचन समारोह मे उनके स्नेहिल आमंत्रण पर स्वास्थ्य जन्य बाधा की वजह से शामिल न हो पाने का मलाल है। उदारमना योगेश्वर जी ने लबों के मयकदे के साथ अपना पूर्व प्रकाशित गजल संग्रह ग़ज़लें सभी उसकी रहीं भी भेजी हैं।
उनके स्नेह का आभारी हूं, कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
राजीव कुमार ओझा
सलाहकार संपादक -समीक्षक दैनिक देश पथ लखनऊ